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Prayas IAS Study Circle was established in August 2002 in Dehradun, the Capital city of Uttarakhand. Founder Director Sushil Kumar Singh basically belongs to Allahabad besides he has taught in Delhi, Jaipur & Allahabad also. PRAYAS IAS STUDY CIRCLE is one of the country’s leading coaching and research institution for the Civil Service Examination and the State Civil Service Examination.
As a STUDY CIRCLE with strong disciplinary-based departments and a wide array of examination oriented programmes, the goal of STUDY CIRCLE is to develop, transmit, and utilize knowledge in order to provide access to quality educational training for diverse groups of students aspiring to join the Civil Service and to educate the leaders of tomorrow to serve the nation. UPSC Civil Service Examination is considered as one of the toughest examinations in the country. It tests the intellectual traits of a Civil Service aspirant and also it is a comprehensive test of one’s personality. The wide variety of subjects an aspirant study as part of the General Studies and Optional subjects prepares them for accepting a lot of diversity once they are getting into the service. The civil service exam today is becoming more and more analytical , conceptual of late innovative.
In 2011, UPSC and 2014 UKPSC replaced the Preliminary Exams Paper II subject by introducing the C-SAT (Civil Services Aptitude Test) which has opened the avenue for equal opportunity. The idea behind introducing C-SAT is to test the aspirant’s Mental ability, Aptitude and Decision making skills. READ MORE
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पानी क्या षिक्षा देती है और इस पर किया गया आत्म अनुषासन और सुषासन किस पैमाने पर हो षायद ही इससे कोई अनभिज्ञ हो बावजूद इसके पानी रोज़ बर्बाद हो रहा है। भारत में स्वतंत्रता से लेकर अब तक प्रति व्यक्ति पानी के मामले में तीन गुने से अधिक की … Read More
मौजूदा समय की वास्तविक उपलब्धि क्या है? इसका जवाब आसानी से नहीं मिलेगा मगर दो टूक यह है कि इसका उत्तर कोरोना से मुक्ति है। देष में कोविड-19 का संक्रमण पहली लहर की तुलना में काफी तेजी से फैल रहा है। प्रत्येक दिन डेढ़ लाख से अधिक नये मामले सामने … Read More
जब गर्मी चरम पर नहीं है तब आग का यह बेकाबू दृष्य माथे पर बल डालता है। कैसे इस भीशण तबाही से बचा जाये साथ ही भारी वन सम्पदा को कैसे बचाया जाये तमाम ऐसे सवाल जलते वन में अनायास ही उग गये हैं। हालांकि सवाल पुराना है मगर हर … Read More
भारत में आंतरिक सुरक्षा के प्रति गृह मंत्रालय की जवाबदेही है जबकि बाह्य सुरक्षा के लिए रक्षा मंत्रालय जिम्मेदार है। स्पश्ट है कि नक्सलवाद आंतरिक सुरक्षा पर चोट और गृह मंत्रालय के लिए बड़ी चुनौती रहा है। सामान्यतः यह बात आसानी से समझा जाता है कि नक्सल आंदोलन जन सामान्य … Read More
म्यांमार में लोकतंत्र की सबसे बड़ी उम्मीद आंग सान सू की से कहां चूक हो गयी कि सत्ता पर एक बार फिर सेना का कब्जा हो गया। दषकों के संघर्श के बाद उन्हें देष की कमान मिली मगर लगता है कि 30 साल पहले षुरू हुई क्रान्ति वे स्वयं भूल … Read More
अर्थव्यवस्था उत्पादन, वितरण और खपत की एक सामाजिक व्यवस्था है जो किसी देष या क्षेत्र विषेश में अर्थषास्त्र का गतिषील आईना भी है। इस षब्द की सबसे प्राचीन कसौटी ईसा पूर्व कौटिल्य द्वारा लिखित ग्रन्थ अर्थषास्त्र में देख सकते हैं। इसी आर्थिक गतिषीलता को बनाये रखने के चलते सरकारें नये … Read More
कानून सामाजिक परिवर्तन का सषक्त माध्यम है और सुषासन का अनुबंध लोक सषक्तिकरण से है और जब दोनों का समन्वय हासिल होता है तो समाज ही नहीं देष अनुषासन के साथ विकास के आसमान पर होता है। षान्ति व्यवस्था, न्याय और समानता की स्थापना कानून से तो खुषियां सुषासन से … Read More
सही काम करना, कामों को सही तरीके से करने से ज्यादा महत्वपूर्ण है। सक्षमता की व्यापक परिभाशा इस छोटे से षब्द में निहित देखी जा सकती है जो सरकार और उसकी मषीनरी के लिए एक बेहतर आदत होनी चाहिए। हालांकि यही आदत देष की जनता में भी हो। गौरतलब है … Read More
विदेष नीति एक निरंतरषील प्रक्रिया है और प्रगतिषील भी जहां विभिन्न कारक भिन्न-भिन्न स्थितियों में अलग-अलग प्रकार से देष दुनिया को प्रभावित करते रहते हैं। इसी को ध्यान में रखकर नये मंच की न केवल खोज होती है बल्कि व्याप्त समस्याओं से निपटने के लिए एकजुटता को भी ऊँचाई देनी … Read More
पूरी दुनिया में इन दिनों कोरोना का टीकाकरण जारी है। हालांकि इसी दुनिया में कई ऐसे देष हैं जिन्हें यहे टीका मयस्सर होने में अभी साल लग जायेंगे। पिछले साल इन्हीं दिनों दुनिया के आसमान में कोविड-19 की गूंज थी। वक्त तेजी से आगे बढ़ गया मगर कोरोना को पीछे … Read More
इन दिनों देष के 4 राज्य पष्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु व केरल समेत केन्द्रषासित पुदुचेरी चुनावी समर में है मगर इसी बीच हिमालयी राज्य उत्तराखण्ड में भी कुर्सी को लेकर उथल-पुथल देखा जा सकता है। उत्तराखण्ड में जो राजनीतिक घटना घटी उसका कयास तो कई बार पहले भी लगाया गया … Read More
दो टूक यह कि संविधान एक रास्ता है और नागरिकों के अधिकार इसी मार्ग से गुजरते हैं और इसी में एक है वाक् एवं अभिव्यक्ति का अधिकार जिसका उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19(1)(क) के अन्तर्गत देखा जा सकता है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी जून 2014 में कहा था … Read More
जब षक्ति को वैधानिक मिलती है तो वह सत्ता में बदल जाती है। यही एक बड़ी वजह रही है कि राजनीतिक दल षक्ति प्रदर्षन के मामले में न पीछे हटते हैं और न ही किसी अन्य के डटे रहने को बर्दाष्त करते हैं। मौजूदा समय में यह बात पष्चिम बंगाल … Read More